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Flue Gas- CO2 to Methanol
  • फ्ल्यू गैस-कार्बन डाइ ऑक्साइड से मेथनॉल

  • कोयला आधारित विद्युत संयंत्र की फ्ल्यू गैस से कार्बन डाइ ऑक्साइड का संग्रहण और इसे मेथनॉल में परिवर्तित करना एनटीपीसी के लिए प्राथमिकता वाला क्षेत्र है।
  • यह परियोजना हमारे देश में 'मेथनॉल अर्थव्यवस्था' के भारत सरकार के दृष्टिकोण को मजबूत करेगी।
  • इसके परिणामस्वरूप, 'मेथनॉल अर्थव्यवस्था', तेल आयात पर भारत की निर्भरता को कम करेगी और साथ ही विद्युत क्षेत्र से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाएगी और इस तरह भारत को वर्ष 2030 तक कार्बन उत्सर्जन की तीव्रता में 33-35% की कटौती करने के पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते के दायित्व को पूरा करने में मदद करेगी।

मुख्य विशेषताएं

10 टीपीडी फ्ल्यू गैस-कार्बन डाइ ऑक्साइड से मेथनॉल प्लांट (एफजी-सीटीएम) प्लांट में निम्नलिखित 3 इकाइयाँ शामिल होंगी।

  • कार्बन कैप्चर यूनिट: ऊर्जा कुशल अवशोषण प्रक्रिया के माध्यम से ताप संयंत्र की फ्ल्यू गैस से 20 टीपीडी कार्बन डाइ ऑक्साइड कैप्चर करने के लिए।
  • हाइड्रोजन उत्पादन इकाई: जल के वैद्युत-अपघटन के माध्यम से 2 टीपीडी हाइड्रोजन उत्पन्न करने के लिए, मेथनॉल उत्पादन के लिए अन्य घटक हाइड्रोजन होगा।
  • मेथनॉल उत्पादन इकाई: उत्प्रेरक हाइड्रोजनीकरण प्रक्रिया के माध्यम से कार्बन डाइ ऑक्साइड को मेथनॉल में परिवर्तित करने के लिए।

लाभ:

  • पारंपरिक प्रक्रिया की तुलना में तृतीयक अमाइन आधारित ऊर्जा कुशल कार्बन डाइ ऑक्साइड कैप्चर प्रक्रिया में कम ऊर्जा मांग।
  • मेथनॉल की वर्तमान वाणिज्यिक लागत की तुलना में पूर्ण पैमाने के एफजी-सीटीएम संयंत्र से उत्पादित मेथनॉल की कम अपेक्षित लागत।
  • यह कार्बन डाइ ऑक्साइड से मेथनॉल रूपांतरण संयंत्र विश्व स्तर पर एक अनूठा संयंत्र होगा, जहां कार्बन डाइ ऑक्साइड को कोयला चालित विद्युत संयंत्र के अपशिष्ट फ्ल्यू गैस से निकाला जाएगा और उत्प्रेरक हाइड्रोजनीकरण प्रक्रिया के माध्यम से मेथनॉल में परिवर्तित किया जाएगा। यह एनटीपीसी के लिए संभावित नए व्यावसायिक मार्ग और राजस्व स्रोत भी सृजित करेगा।
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