पारंपरिक विद्युत क्षेत्र में अनिश्चितता मुख्य रूप से उपभोक्ताओं की बिजली खपत के प्रति अस्थिर प्रकृति और नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों में अंतराल के कारण उत्पन्न हुई है। पहले लोड अस्थिरता विद्युत इंजीनियरों के सामने एकमात्र चुनौती थी और इसे थर्मल जनरेटर की रैंपिंग गुणवत्ता या लोड साइड पर लोड कटौती करके आसानी से हल किया जाता है। नवीकरणीय उत्पादन की परिवर्तनशीलता और अनिश्चितता को संबोधित करने के लिए विभिन्न संसाधनों से अतिरिक्त प्रचालन लचीलेपन की आवश्यकता होती है। यह अनुमान लगाया गया है कि 2022 तक, 175 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा के साथ भारतीय ग्रिड को 32 गीगावॉट/ घंटा की रैंपिंग दर की आवश्यकता होगी और जब तक आगे की दिशा में कठोर कदम नहीं उठाए जाते, तब तक वर्तमान नियामक प्रणाली और प्रणाली दृष्टिकोण पर विचार करना एक चुनौती होगी। इस प्रकार आधुनिक विद्युत क्षेत्र को ऐसे समाधानों की आवश्यकता है जो इसे किसी भी गतिशील/आकस्मिक परिवर्तन के प्रति अनुकूल बना सके या दूसरे शब्दों में जो इसे लचीला बना सके।
डिज़ाइन किए गए लचीले प्रचालन की तुलना में इकाई के लचीलेपन में सुधार के लिए या तो अग्रिम नियंत्रण समाधान के एकीकरण या आवश्यक लचीलेपन की मात्रा के आधार पर प्रणालीमें यांत्रिक संशोधन की आवश्यकता होती है। इस अध्याय में यूनिट प्राथमिक आवृत्ति प्रतिक्रिया (पीएफआर) और रैंप दर में सुधार के लिए दादरी के यू # 6 में यूनिट नियंत्रण मॉड्यूल के साथ मौजूदा डीसीएस में कंडेनसेट थ्रॉटलिंग सिस्टम (सीटीएस) एकीकरण के अभिनव नियंत्रण समाधान का वर्णन किया गया है।
प्रदर्शन परियोजना
नेत्रा ने निम्नलिखित प्रमुख चरणों के साथ दादरी यू#6 के मौजूदा डीसीएस में सीटीएस समाधान और यूनिट नियंत्रण मॉड्यूल को एकीकृत करने की इस परियोजना को कार्यान्वित किया है।
- पीएफआर और रैंप दर प्रदान करने के लिए इकाई क्षमता का आकलन
- लचीले नियंत्रण की रेट्रोफिटिंग के साथ प्रत्याशित लाभ के लिए इकाई का मूल्यांकन
- मार्जिन और प्रतिक्रिया निर्धारित करने के लिए कंडेनसेट थ्रॉटलिंग परीक्षण
- वर्तमान प्रचालन स्थिति का आकलन करने के लिए बॉयलर फायरिंग प्रतिक्रिया परीक्षण
- पीएफसी के लिए वर्तमान मार्जिन निर्धारित करने के लिए भाप भंडारण मूल्यांकन की गति और आकार
- डिज़ाइन दस्तावेज़ तैयार करना
- साइट पर कार्यान्वयन और परीक्षण
एकीकरण का सिद्धांत यह था कि इस समाधान को प्रचालक की इच्छा पर बिना किसी बाधा के उपलब्ध कराया जाए। मोडबस प्रोटोकॉल पर समाधान को लागू करने के लिए प्रसंस्करण और आवश्यक नियंत्रण प्रदान करने के लिए 400 से अधिक ऑपरेटिंग पैरामीटर/स्थिति को मैप किया गया था। आवश्यकता के अनुसार हॉटवेल स्तर के अलार्म/स्विच मानों पर फिर से काम किया गया और यूनिट पीएफआर एवं रैंप दर में महत्वपूर्ण सुधार के साथ परियोजना जुलाई-2017 में पूरी हो गई।