Loading...

महत्व विश्लेषण

एनटीपीसी में महत्व विश्लेषण

महत्व का मूल्यांकन हमारे सततता प्रकटीकरणों और कार्यनीतियों के निर्माण का एक मूलभूत और अभिन्न पहलू है। यह हमें विशिष्ट पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों के सापेक्ष महत्व और मूल्य निर्माण पर उनके प्रभाव के बारे में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। व्यावसायिक प्रक्रियाओं, बाहरी परिवेश, भौगोलिक विस्तार, वैश्विक प्रवृत्तियों आदि में महत्वपूर्ण परिवर्तन के कारण हम इस परिपाटी को नियमित समय अंतराल (3-4 वर्ष के अंतराल) परसंचालित करते हैं। आंतरिक और बाहरी दोनों हितधारकों के साथ जुड़ाव के साथ महत्व मूल्यांकन के लिए एक संरचित पद्धति अपनाई गई है।

एनटीपीसी की महत्व मूल्यांकन प्रक्रिया

हमने मैसर्स डेलॉइट के माध्यम से वित्त वर्ष 2018-19 में महत्व का आकलन किया। इसके लिए एक चार चरण वाली प्रक्रिया अपनाई गई जो निम्नानुसार है:

1. पहचान

प्रासंगिक महत्व के मुद्दों की एक बकेट सूची निम्नलिखित विभिन्न स्रोतों से संकलित की गई थी:

  • चल रहे जुड़ाव के माध्यम से हितधारकों (आंतरिक और बाहरी) का दृष्टिकोण
  • जोखिम प्रबंधन समिति (आरएमसी) के निष्कर्ष
  • वैश्विक और भारतीय विद्युत यूटिलिटीज द्वारा पहचाने गए महत्व के मुद्दे
  • जीआरआई इलेक्ट्रिक यूटिलिटीज सेक्टर प्रकटीकरण
  • कानून, विनियम, अंतर्राष्ट्रीय करार
  • वैश्विक मेगा रुझान

2. शॉर्टलिस्टिंग

पहचाने गए मुद्दों का कार्यात्मक प्रमुखों द्वारा एनटीपीसी के लिए उनकी प्रासंगिकता और महत्व के आधार पर निष्पक्ष विश्लेषण किया गया था। 26 सबसे आम मुद्दों की प्राथमिकता सूची को शॉर्टलिस्ट किया गया था और एनटीपीसी की मूल्य श्रृंखला में उनकी सीमा का मानचित्रण किया गया था। इन मुद्दों को आगे सामाजिक, पर्यावरण और व्यापार एवं शासन श्रेणियों में समाहित किया गया।

3. प्राथमिकता

महत्व के विषयों को उनके (एक्स, वाई) स्कोर के आधार पर प्राथमिकता दी गई थी जैसा कि नीचे वर्णित है:

वाई-स्कोर: हितधारक के मूल्यांकन और निर्णयों पर प्रभाव

हमने अपने प्राथमिकता वाले हितधारकों के साथ चुने गए मुद्दों पर उनकी प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए कॉर्पोरेट, क्षेत्र और साइट स्तरों पर एक प्रतिनिधि नमूना आकार के माध्यम से संपर्क किया। सभी हितधारकों की प्रतिक्रिया को समेकित किया गया और अंत में एक स्कोर दिया गया।

  • शॉर्टलिस्ट किए गए 26 विषयों के संबंध में एनटीपीसी के 20 स्थानों पर फोकस समूह चर्चा और प्राथमिक सर्वेक्षण आयोजित किए। इन विषयों पर हितधारकों के साथ चर्चा की गई और उन्हें हितधारकों के महत्व के आधार पर प्रत्येक विषय को रेट करने के लिए कहा गया। इनमें मुख्य रूप से स्थानीय आपूर्तिकर्ता, समुदाय, कर्मचारी शामिल थे।
  • ग्राहकों और निवेशकों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन/ऑफलाइन सर्वेक्षण आयोजित किए।
  • सरकार, विनियामकों आदि के दृष्टिकोण से मुद्दों के महत्व का आकलन करने के लिए द्वितीयक शोध का उपयोग किया गया।

एक्स-स्कोर: आर्थिक, पर्यावरण और सामाजिक प्रभावों का महत्व

मुद्दों के प्रभावों के मूल्यांकन के लिए एक आंतरिक मूल्यांकन प्रणाली विकसित की गई थी। यह परिमाणीकरण लागत, जोखिम आदि जैसे विभिन्न कारकों के संदर्भ में किया गया है।

  • अंत में, महत्व के प्रत्येक मुद्दे के स्कोर के आधार पर महत्व मैट्रिक्स विकसित की गई थी।

4. वरिष्ठ प्रबंधन से अभिपुष्टि

एनटीपीसी के वरिष्ठ प्रबंधन ने महत्व मैट्रिक्स की समीक्षा की और महत्व के लिए सीमा निर्धारित की। परिणामस्वरूप, दोनों हितधारकों के दृष्टिकोण और प्रभावों के महत्व द्वारा ऊपरी सीमा से अधिक के समग्र स्कोर वाले महत्व के 26 मुद्दों में से 7 मुद्दों को सबसे प्रमुख महत्व के मुद्दों के रूप में प्राथमिकता दी गई थी।

एनटीपीसी महत्व मानचित्र

NTPC

महत्व के समस्याओ के विवरण के लिए कृपया यहां क्लिक करें।

महत्व के मूल्यांकन द्वारा हमारी सतत व्यवसाय कार्यनीति का संचालन

प्राथमिकता क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले महत्व के मुद्दों को एनटीपीसी की सततता कार्यनीति के फोकस क्षेत्रों के रूप में चुना गया है। सभी पहचाने गए और चयनित फोकस क्षेत्रों को तीन विषयों अर्थात् शासन और व्यावसायिक मुद्दों के लिए प्रगतिशील व्यवसाय, पर्यावरणीय मुद्दों के लिए हरित पर्यावरण और सामाजिक मुद्दों के लिए समृद्ध जीवन में मैप किया गया है। हालांकि प्रत्येक संबंधित मुद्दे में सभी 3 विषयों में अलग-अलग डिग्री के साथ अतिव्याप्ति हो सकती है, यह वर्गीकरण प्रासंगिक विषय में अधिकतम प्रभाव या प्रभुत्व को उजागर करने पर केंद्रित है।

NTPC

एक प्रगतिशील व्यवसाय के रूप में, एनटीपीसी ने अपनी सततता कार्यनीति के हिस्से के रूप में अभिचिन्हित फोकस क्षेत्रों के लिए अल्पकालिक (1-3 वर्ष) और दीर्घकालिक (10-15 वर्ष) लक्ष्य निर्धारित किए हैं। अभिचिह्नित फोकस क्षेत्रों को प्रत्येक पहलू के लिए स्पष्ट कार्यक्रमों, लक्ष्यों और प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों (केपीआई) के साथ एक सततता योजना में समाहित किया गया है। इस योजना में प्रगति के संबंध में स्पष्ट रिपोर्टिंग और संचार भी शामिल है, जो हितधारकों के साथ एक सार्थक संवाद की सुविधा प्रदान करता है और फोकस की एक निरंतरता है जो रिपोर्टिंग को और अधिक सुदृढ़ बनाती है। इसके प्रभावी कार्यान्वयन में व्यापक परामर्श के बाद कर्मचारियों को मार्गदर्शन प्रदान करना और अभिशासन प्रणाली स्थापित करना, बाह्य फीडबैक और नियमित समीक्षा करना शामिल होगा। इसके अतिरिक्त, इस योजना को एक सहायक नीति और विभिन्न प्रकार्यों एवं अवस्थितियों में फैली विशिष्ट गतिविधियों के साथ लिया जाता है।

सततता योजना मापने योग्य लाभों - दीर्घकालिक जोखिमों और अवसरों के साथ - की पहचान में मददगार होगी और यह सुनिश्चित करेगी कि हमारी कार्यनीति समायोज्य है, और कंपनी एवं समाज के लिए वास्तविक मूल्य का निर्माण करती है।

एनटीपीसी की सततता योजना को एनटीपीसी द्वारा सामना किए जा रहे सबसे महत्वपूर्ण सततता मुद्दों और अवसरों यथा सामुदायिक विकास, जल और जैव विविधता संरक्षण, डीकार्बोनाइजेशन और वायु उत्सर्जन नियंत्रण, सर्कुलर अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और सुरक्षा, सुदृढ़ वित्त तथा नैतिकता और सतत आपूर्ति श्रृंखला को निरूपित करते वर्ष 2022 तक अल्पकालिक लक्ष्यों और वर्ष 2032 तक दीर्घकालिक लक्ष्यों को सात फोकस क्षेत्रों में निर्धारित करते हुए "द ब्राइटर प्लान 2032" के रूप में नामित किया गया है।

Back to Top