Loading...

एनटीपीसी के निदेशक मंडल की समितियों का गठन

(i) लेखापरीक्षा समिति

लेखापरीक्षा समिति की संरचना, गणपूर्ति, व्याप्ति आदि कंपनी अधिनियम, 2013, सेबी (सूचीकरण दायित्व और प्रकटीकरण अपेक्षताएं), 2015 के प्रावधानों और भारत सरकार के लोक उद्यम विभाग द्वारा जारी कॉर्पोरेट अभिशासन संबंधी दिशानिर्देशों के अनुरूप है। 

लेखापरीक्षा समिति का कार्य क्षेत्र 

  1. लेखापरीक्षा प्रारंभ होने से पहले लेखापरीक्षकों के साथ लेखापरीक्षा के कार्य-क्षेत्र तथा प्रक्रिया; तथा लेखापरीक्षा के पश्चात चिंता वाले क्षेत्रों पर विचार विमर्श करना। 
  2. स्वतंत्र लेखापरीक्षकों, आंतरिक लेखापरीक्षकों एवं निदेशक बोर्ड के मध्य महत्वपूर्ण सूचना के प्रसार के लिए संप्रेषण को सुकर बनाना। 
  3. संबंधित पक्षों के साथ कंपनी के लेन-देन का अनुमोदन या कोई परवर्ती संशोधन करना। 
  4. अंतर-कारपोरेट ऋण एवं निवेश की जांच। 
  5. निदेशक मण्डल के समक्ष अनुमोदनार्थ प्रस्तुत करने से पूर्व तिमाही वित्तीय विवरणियों की प्रबंधन के साथ समीक्षा। 
  6. निम्नलिखित के विशेष संदर्भ में, निदेशक मण्डल के समक्ष अनुमोदनार्थ प्रस्तुत करने से पूर्व वार्षिक वित्तीय विवरणियों एवं उन पर लेखापरीक्षकों की मसौदा रिपोर्ट पर प्रबंधन के साथ समीक्षा करनाः- 
  •  कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 134 की उप धारा 3 के खंड (ग) के अनुसार निदेशक मण्डल की रिपोर्ट में सम्मिलित किए जाने के लिए निदेशकों के उत्तरदायित्व विवरण में शामिल किए जाने वाले अपेक्षित मामले,
  • लेखांकन नीतियों और पद्धतियों में परिवर्तन, यदि कोई हो, और उसके कारण, 
  • प्रबंधन द्वारा लिए गए निर्णय के आधार पर अनुमानों से संबंधित मुख्य लेखांकन प्रविष्टियां 
  • लेखापरीक्षा निष्कर्षों से उत्पन्न वित्तीय विवरणियों में किए गए महत्वपूर्ण समायोजन 
  • वित्तीय विवरणियों से संबंधित सूचीकरण और अन्य कानूनी अपेक्षाओं का अनुपालन 
  • किसी संबंधित पार्टी संव्यवहारों का प्रकटन 
  • मसौदा लेखापरीक्षा रिपोर्ट में अर्हताएं। 
  1. स्वतंत्र लेखापरीक्षकों की नियुक्ति और उनकी बर्खास्तगी को दर्ज करना। स्वतंत्र लेखापरीक्षकों की लेखापरीक्षा फीस की सिफारिश करना और किसी सेवा के लिए भुगतान की भी अनुशंसा करना। 
  2. निदेशक मंडल को कंपनी के लागत लेखापरीक्षकों की नियुक्ति एवं वेतन पर अनुशंसा करना। 
  3. सरकारी लेखापरीक्षा पैरा की स्थिति सहित सी.एंड ए.जी. की टिप्पणियों की समीक्षा करना। 
  4. इश्यू (पब्लिक इश्यू, राइट इश्यू, वरीयता इश्यू आदि) के माध्यम से जुटाई गई निधियों के प्रयोगों/अनुप्रयोग के विवरण, प्रस्ताव दस्तावेजों/विवरणिका/नोटिस में वर्णित प्रयोजनों को छोड़कर अन्य प्रयोजनों के लिए प्रयुक्त निधियों के विवरण और पब्लिक अथवा राइट्स इश्यू की प्राप्तियों के उपयोग की निगरानी कर रही निगरानी एजेंसी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट की प्रबंधन के साथ समीक्षा करना और इस मामले में उपाय करने के लिए निदेशक मण्डल को उपयुक्त सिफारिशें करना। 
  5. जहां कहीं आवश्यक हों, कंपनी के वचनबंधों या परिस्थितियों का मूल्यांकन करना। 
  6. आंतरिक वित्तीय नियंत्रण एवं जोखिम प्रबंधक प्रणालियों का मूल्यांकन करना। 
  7. जमाकर्ताओं, डिबेंचरधारकों, शेयरधारकों (घोषित लाभांश का भुगतान नहीं करने के मामले में) और ऋणदाताओं को भुगतान में पर्याप्त चूक के कारणों की जांच-पड़ताल करना। 
  8. व्हिसल ब्लोअर तंत्र की कार्य प्रणाली की समीक्षा करना। 
  9. ऐसे मामले, जहां धोखाधड़ी अथवा अनियमितता का संदेह हो अथवा वास्तविक प्रकृति की आंतरिक नियंत्रण प्रणाली की विफलता हो, उनमें आंतरिक लेखापरीक्षकों द्वारा की गई किसी आंतरिक जांच के निष्कर्ष की समीक्षा करना और निदेशक मण्डल को मामले की सूचना देना। 
  10. संसद की सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति की सिफारिशों पर की गई अनुवर्ती कार्रवाई की समीक्षा करना। 
  11. निम्नलिखित की समीक्षा करना: 
  • वित्तीय स्थितियों एवं प्रचालन के परिणामों पर प्रबंधन से चर्चा एवं विश्लेषण; 
  • सांविधिक लेखाकारों द्वारा आंतरिक नियंत्रण की  कमजोरी संबंधित पत्र/प्रबंधन पत्र; 
  • आंतरिक निगरानी कमजोरी से संबंधित आंतरिक लेखापरीक्षा रिपोर्ट;
  1. यह सुनिश्चित करने के लिए कि वित्तीय विवरण सही, पर्याप्त और विश्वसनीय है, कंपनी की वित्तीय रिपोर्टिंग प्रक्रिया और उसकी वित्तीय सूचना के प्रकटन पर निगरानी रखना। 
  2. कवरेज की पूर्णता, अनावश्यक प्रयासों में कमी और सभी लेखापरीक्षा संसाधनों का प्रभावी प्रयोग सुनिश्चित करने के लिए लेखापरीक्षा प्रयासों के समन्वय हेतु स्वतंत्र लेखापरीक्षकों के साथ समीक्षा करना। 
  3. आंतरिक लेखा परीक्षाओं के कार्यों, यदि कोई हो की पर्याप्तता तथा आंतरिक लेखापरीक्षा विभाग की संरचना, स्टाफ लगाने तथा विभाग के अधिकारिक प्रमुख बनने के लिए वरिष्ठता की समीक्षा, संरचना कवरेज एवं आंतरिक लेखापरीक्षा की फ्रीक्वेंसी की रिपोर्ट देना। 
  4. स्वतंत्र लेखापरीक्षक और प्रबंधन के साथ निम्नलिखित पर विचार और समीक्षा करना:- 
  • कंप्यूटरीकृत सूचना प्रणाली नियंत्रणों और सुरक्षा सहित आंतरिक नियंत्रणों की पर्याप्तता, और
  • प्रबंधन के प्रत्युत्तर के साथ और स्वतंत्र लेखापरीक्षक और आंतरिक लेखापरीक्षक की सिफारिशें और संबंधित निष्कर्ष। 
  1. प्रबंधन, आंतरिक लेखापरीक्षक और स्वतंत्र लेखापरीक्षक के साथ निम्नलिखित पर विचार करना और समीक्षा करना:- 
  • पिछली लेखापरीक्षा की सिफारिशों की स्थिति सहित वर्ष के दौरान महत्वपूर्ण निष्कर्ष। 
  • कार्यकलापों के कार्यक्षेत्र अथवा अपेक्षित सूचना तक पहुंच पर किसी प्रतिबंध सहित लेखापरीक्षा कार्य के दौरान सामने आई कोई कठिनाई।
  1. मुख्य आंतरिक लेखापरीक्षक की नियुक्ति एवं बर्खास्तगी की समीक्षा करना। 
  2. प्रबंधन के साथ स्वतंत्र और आंतरिक लेखापरीक्षकों के कार्यनिष्पादन, लेखा परीक्षा प्रक्रिया की पर्याप्तता की समीक्षा करना। 
  3. 2 वर्षों से अधिक अवधि की बकाया आंतरिक लेखापरीक्षा टिप्पणियों की समीक्षा करना। 
  4. सहायक कंपनी में मौजूदा ऋण/अग्रिम/निवेश सहित 100 करोड़ या सहायक कंपनी की परिसंपत्तिकयों के आकार के 10 प्रतिशत, जो भी कम हो, से अधिक के ऋण और/या अग्रिमों के उपयोग की धारक कंपनी द्वारा समीक्षा किया जाना। 
  5. बोर्ड द्वारा संदर्भित कोई भी मामला या कंपनी अधिनियम, 2013 और उसके तहत बनाए गए नियमों, लिस्टिंग विनियम, 2015 और डीपीई द्वारा जारी दिशानिर्देशों द्वारा संशोधित संदर्भ की कोई अन्य शर्तें।
  6. वित्तीय वर्ष में कम से कम एक बार इन विनियमों के प्रावधानों के अनुपालन की समीक्षा करना।
  7. यह जांच करना कि आंतरिक नियंत्रण के लिए प्रणालियां पर्याप्त हैं और प्रभावी ढंग से कार्य कर रही हैं।
  8. सूचीबद्ध निकाय और इसके शेयरधारकों पर विलयन, अविलयन, समामेलन आदि अंतग्र्रस्त होने वाली योजनाओं के तर्क, लागत-लाभ तथा प्रभाव पर विचार करना तथा उस पर टिप्पणी करना।

निदेशक (वित्त), आंतरिक लेखापरीक्षा विभाग के प्रमुख और सांविधिक लेखापरीक्षकों को समिति के सदस्यों के साथ चर्चा के लिए लेखापरीक्षा समिति की बैठकों में आमंत्रित किया जाता है। इसके अलावा, आवश्यकता पड़ने पर कंपनी के लागत लेखापरीक्षकों को लेखापरीक्षा समिति की बैठकों में भी आमंत्रित किया जाता है। समिति को आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिए आवश्यकता पड़ने पर वरिष्ठ कार्यात्मक अधिकारियों को भी आमंत्रित किया जाता है।

कंपनी सचिव समिति के सचिव के रूप में कार्य करते है।

संरचना:
पदनाम    निदेशक का नाम
1स्वतंत्र निदेशक, अध्यक्ष श्री जीतेन्द्र तन्ना
2स्वतंत्र निदेशकश्रीमती संगीता वैरियर
3स्वतंत्र निदेशकश्री विवेक गुप्ता
4स्वतंत्र निदेशकश्री विद्याधर वैशम्पायन
5सरकारी नामिति निदेशक और एफए, विद्युत मंत्रालय-

 

(ii) कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व और धारणीयता समिति:

इस समिति का पुनर्गठन कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 की आवश्यकताओं के अनुसार किया गया है। इस समिति का गठन समय-समय पर यथासंशोधित कंपनी अधिनियम, 2013 की अनुसूची VII के अनुसार कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व नीति को तैयार करने और बोर्ड को उसकी सिफारिश करने; सीएसआर नीति में निर्दिष्ट गतिविधियों पर होने वाले व्यय की राशि की सिफारिश करने; समय-समय पर कंपनी की कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व नीति की निगरानी करने; और बोर्ड द्वारा समय-समय पर सौंपे जाने वाले किसी अन्य मामले के लिए किया गया है।

 यह समिति समय-समय पर बोर्ड सीएसआर नीति (सतत विकास सहित) तैयार करती है और उसकी सिफारिश करती है।.

संरचना:
पदनाम    निदेशक का नाम
1निदेशक (मानव संसाधन), अध्यक्षश्री जयकुमार श्रीनिवासन (निदेशक (मानव संसाधन) का अतिरिक्त प्रभार)
2स्वतंत्र निदेशक    श्रीमती संगीता वैरियर
3स्वतंत्र निदेशकश्री जीतेन्द्र तन्ना
4स्वतंत्र निदेशकश्री विवेक गुप्ता
5निदेशक (प्रचालन)श्री रवीन्द्र कुमार

(iii) हितधारक संबंध समिति

हितधारक संबंध समिति के संदर्भ की शर्तें निम्नवत हैं:

  • सूचीबद्ध निकाय के प्रतिभूति धारकों की शिकायतों का समाधान करना, जिसमें शेयरों के हस्तांतरण/संचरण, वार्षिक रिपोर्ट न मिलना, घोषित लाभांश न मिलना, नए/डुप्लिकेट प्रमाणपत्र जारी करना, सामान्य बैठकें आदि से संबंधित शिकायतें शामिल हैं।
  • शेयरधारकों द्वारा मतदान अधिकारों के प्रभावी प्रयोग के लिए किए गए उपायों की समीक्षा।
  • रजिस्ट्रार और शेयर अंतरण एजेंट द्वारा प्रदान की जा रही विभिन्न सेवाओं के संबंध में सूचीबद्ध निकाय द्वारा अपनाए गए सेवा मानकों के पालन की समीक्षा।
  • दावा न किए गए लाभांश की मात्रा को कम करने और कंपनी के शेयरधारकों द्वारा लाभांश वारंट/वार्षिक रिपोर्ट/वैधानिक नोटिस की समय पर प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए सूचीबद्ध निकाय द्वारा किए गए विभिन्न उपायों और पहलों की समीक्षा।
संरचना:
पदनामनिदेशक का नाम
1स्वतंत्र निदेशक, अध्यक्षश्री विवेक गुप्ता
2स्वतंत्र निदेशक    श्री विद्याधर वैशम्पायन
3सरकारी नामिति निदेशक और एफए, विद्युत मंत्रालय-
4निदेशक (वित्त)श्री जयकुमार श्रीनिवासन

(iv) जोखिम प्रबंधन समिति

जोखिम प्रबंधन नीति का गठन सूचीकरण विनियम, 2015 के विनियम 21 के अनुरूप किया गया है। सेबी एलओडीआर में प्रासंगिक संशोधनों के बाद जोखिम प्रबंधन ढांचे और नीति को संशोधित किया गया है।

समिति की भूमिका में निम्नलिखित शामिल होंगे:

1. एक विस्तृत जोखिम प्रबंधन नीति तैयार करना जिसमें निम्नलिखित शामिल होंगे:

क)  सूचीबद्ध निकाय द्वारा विशेष रूप से सामना किए जाने वाले आंतरिक और बाहरी जोखिमों की पहचान के लिए एक रूपरेखा, जिसमें विशेष रूप से वित्तीय, प्रचालनात्मक, क्षेत्रक, धारणीयता (विशेष रूप से, ईएसजी-संबंधित जोखिम), सूचना, साइबर सुरक्षा जोखिम या समिति द्वारा निर्धारित कोई अन्य जोखिम शामिल है।

ख) पहचाने गए जोखिमों के आंतरिक नियंत्रण के लिए प्रणालियों और प्रक्रियाओं सहित जोखिम प्रशमन के उपाय।

ग)  व्यवसाय निरंतरता योजना।

2. यह सुनिश्चित करना कि कंपनी के व्यवसाय से जुड़े जोखिमों की निगरानी और मूल्यांकन करने के लिए उचित कार्यप्रणाली, प्रक्रियाएं और प्रणालियां मौजूद हैं।

3. जोखिम प्रबंधन प्रणालियों की पर्याप्तता का मूल्यांकन करने सहित जोखिम प्रबंधन नीति के कार्यान्वयन की निगरानी और देखरेख करना।

4. जोखिम प्रबंधन नीति की समय-समय पर समीक्षा करना, कम से कम दो वर्ष में एक बार, जिसमें उद्योग की बदलती गतिशीलता और उभरती जटिलता पर विचार करना शामिल है।

5. निदेशक मंडल को अपनी चर्चाओं, सिफारिशों और की जाने वाली कार्रवाइयों की प्रकृति और सामग्री के बारे में सूचित रखना।

6. निदेशक मंडल द्वारा निर्धारित रूपरेखा के अनुसार, जोखिम प्रबंधन समिति अपनी गतिविधियों को अन्य समितियों के साथ समन्वयित करेगी, ऐसे मामलों में जहां ऐसी समितियों की गतिविधियों के साथ कोई अतिव्याप्ति हो।

संरचना:
पदनाम    निदेशक का नाम
1निदेशक (परियोजनाएं), अध्यक्षश्री के.एस.सुंदरम
2स्वतंत्र निदेशक    श्री विद्याधर वैशम्पायन
3कॉर्पोरेट योजना प्रमुख-सीआरओश्री एच के दास
4निदेशक (प्रचालन)श्री रवीन्द्र कुमार

(v) पीआरपी सहित नामांकन और पारिश्रमिक समिति

पीआरपी सहित नामांकन और पारिश्रमिक समिति के संदर्भ की शर्तें निम्नानुसार होंगी:

  1. निर्धारित सीमा के भीतर, अधिकारियों और गैर-यूनियन पर्यवेक्षकों के बीच इसके वितरण के लिए वार्षिक बोनस/परिवर्तनीय वेतन पूल और नीति तय करना।
  2. एक निदेशक की योग्यता, सकारात्मक गुण और स्वतंत्रता का निर्धारण करने के लिए मानदंड तैयार करना और निदेशक मंडल को निदेशकों, प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों और अन्य कर्मचारियों के पारिश्रमिक से संबंधित एक नीति की सिफारिश करना।
  3. स्वतंत्र निदेशकों और निदेशक मंडल के प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए मानदंड तैयार करना।
  4. निदेशक मंडल की विविधता पर एक नीति तैयार करना।
  5. ऐसे व्यक्तियों की पहचान करना जो निदेशक बनने के लिए अर्हक हैं और जिन्हें निर्धारित मानदंडों के अनुसार वरिष्ठ प्रबंधन में नियुक्त किया जा सकता है, और निदेशक मंडल को उनकी नियुक्ति और हटाने की सिफारिश करना।
  6. स्वतंत्र निदेशकों के प्रदर्शन मूल्यांकन की रिपोर्ट के आधार पर स्वतंत्र निदेशक की नियुक्ति की अवधि बढ़ाना या जारी रखना।
  7. वरिष्ठ प्रबंधन को देय सभी पारिश्रमिक, चाहे वह किसी भी रूप में हो, की बोर्ड को सिफारिश करना।

सेबी एलओडीआर, 2015 के अनुसार, "वरिष्ठ प्रबंधन" का अर्थ सूचीबद्ध निकाय के अधिकारी/कार्मिक होंगे जो निदेशक मंडल को छोड़कर इसकी मुख्य प्रबंधन टीम के सदस्य हैं और आम तौर पर इसमें मुख्य कार्यकारी अधिकारी/प्रबंध निदेशक/पूर्णकालिक निदेशक/प्रबंधक (मुख्य कार्यकारी अधिकारी/प्रबंधक सहित, यदि वे बोर्ड का हिस्सा नहीं हैं) से एक स्तर नीचे प्रबंधन के सभी सदस्य शामिल होंगे और इसमें विशेष रूप से कंपनी सचिव और मुख्य वित्तीय अधिकारी शामिल होंगे।

कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय ने दिनांक 05.06.2015 की अधिसूचना के माध्यम से सरकारी कंपनियों को वरिष्ठ प्रबंधन और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को छोड़कर कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 178 (2)/ (3)/ (4) की प्रयोज्यता से छूट दे दी है। . हालाँकि, सरकारी कंपनियों को सेबी एलओडीआर, 2015 के विनियमन 19 की प्रयोज्यता से छूट प्राप्त नहीं है।

संरचना:
पदनाम    निदेशक का नाम
1स्वतंत्र निदेशक, अध्यक्षश्रीमती संगीता वैरियर
2सरकारी नामिति निदेशक और एफए, विद्युत मंत्रालय-
3स्वतंत्र निदेशक    श्री जीतेन्द्र तन्ना
4स्वतंत्र निदेशक    श्री विद्याधर वैशम्पायन
5स्वतंत्र निदेशक    श्री विवेक गुप्ता

(vi) संविदा उप-समिति

समिति 500 करोड़ रुपए से अधिक लेकिन 1000 करोड़ से अनधिक मूल्य के कार्यों या खरीद अनुबंधों को देने या प्रतिबद्धताओं के वहन को मंजूरी देती है जिसमें 10 रुपए करोड़ से प्रत्येक से अधिक के विदेशी परामर्श कार्यों सहित परामर्श कार्य और 10 करोड़ से अधिक के प्रत्येक कमीशन वाले प्रायोजन/एजेंसी से जुड़े विदेशी परामर्श कार्यों के लिए प्रायोजक/एजेंटों की नियुक्ति को मंजूरी देना शामिल है। 

संरचना:
पदनाम    निदेशक का नाम
1अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, अध्यक्षश्री. गुरदीप सिंह
2निदेशक (परियोजनाएं)श्री के.एस.सुंदरम
3निदेशक (वित्त)    श्री जयकुमार श्रीनिवासन
4सरकारी नामिति निदेशक और 
अपर सचिव/संयुक्त सचित (थर्मल)
श्री पीयूष सिंह
5स्वतंत्र निदेशकश्रीमती संगीता वैरियर
6स्वतंत्र निदेशकश्री जितेंद्र तन्ना

कोयले के आयात के लिए अनुबंध देने से संबंधित सभी मामलों के लिए निदेशक (प्रचालन) अतिरिक्त सदस्य हैं।

(vii) अनुबंधों के लिए कार्यात्मक निदेशकों की समिति

इस समिति का गठन 300 करोड़ से अधिक किंतु 500 करोड़ रुपए से अनधिक कार्यों या खरीद अनुबंधों को सौंपने या प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए किया गया है। 

संरचना:
पदनामनिदेशक का नाम
1अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, अध्यक्षश्री गुरदीप सिंह
2निदेशक (वित्त)श्री जयकुमार श्रीनिवासन
3निदेशक (मानव संसाधन)श्री जयकुमार श्रीनिवासन (निदेशक (मानव संसाधन) का अतिरिक्त प्रभार)
4निदेशक (ईंधन)    श्री शिवम श्रीवास्तव
5निदेशक (परियोजनाएं)श्री के.एस. सुंदरम
6निदेशक (प्रचालन)श्री रवीन्द्र कुमार

निर्माण परियोजनाओं से संबंधित अनुबंधों के लिए समिति की बैठक के लिए अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, निदेशक (वित्त) और निदेशक (परियोजनाएं) गणपूर्ति का गठन करेंगे। प्रचालन स्टेशनों से संबंधित अनुबंधों के लिए अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, निदेशक (वित्त) और निदेशक (प्रचालन) समिति की बैठक के लिए गणपूर्ति का गठन करेंगे।

(viii) परियोजना उप-समिति

यह समिति नई/विस्तार परियोजनाओं में निवेश के प्रस्तावों की जांच करती है और बोर्ड को सिफारिशें करती है और नई परियोजनाओं की व्यवहार्यता रिपोर्ट को मंजूरी देती है।

संरचना:
पदनाम    निदेशक का नाम
1निदेशक (परियोजनाएं), अध्यक्ष    श्री के.एस. सुंदरम
2निदेशक (वित्त)    श्री जयकुमार श्रीनिवासन
3स्वतंत्र निदेशकश्री विद्याधर वैशम्पायन
4स्वतंत्र निदेशकश्री जितेंद्र तन्ना
5स्वतंत्र निदेशकश्री विवेक गुप्ता
6निदेशक (संचालन)श्री रवीन्द्र कुमार

(ix) एनटीपीसी की प्रतिभूतियों के आवंटन और आवंटन-पश्च गतिविधियों के लिए समिति

समिति का गठन कंपनी की प्रतिभूतियों के आवंटन और आवंटन-पश्च गतिविधियों के लिए किया गया है। इस समिति का कार्य क्षेत्र एनटीपीसी की घरेलू और विदेशी प्रतिभूतियों के आवंटन, प्रमाण पत्र/आवंटन पत्र जारी करना, अंतरण, पारेषण, पुन: भौतिकीकरण, डुप्लिकेट प्रमाण पत्र जारी करना, समेकन/विभाजन को मंजूरी देना है।

सभी कार्यात्मक निदेशक

दो निदेशक और सबसे वरिष्ठ निदेशक बैठक के अध्यक्ष होंगे।

(x)सतर्कता मामलों के लिए समिति

इस समिति का गठन सीडीए नियमों के अनुसार अपीलीय/समीक्षा प्राधिकारी के रूप में बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत की गई सभी याचिकाओं की जांच करने के लिए किया गया है। यह मुख्य सतर्कता अधिकारी के दायरे में व्हिसिल ब्लोअर तंत्र के तहत दर्ज शिकायतों के अलावा समय-समय पर संदर्भित अन्य प्रमुख शिकायतों की भी समीक्षा करती है।

संरचना:
पदनाम    निदेशक का नाम
1सरकारी नामिति निदेशक और एफए, विद्युत मंत्रालय, अध्यक्ष-
2सरकारी नामिति निदेशक और एएस/जेएस (थर्मल)श्री पीयूष सिंह
3निदेशक (मानव संसाधन)*    श्री जयकुमार श्रीनिवासन (निदेशक (मानव संसाधन) का अतिरिक्त प्रभार)
4स्वतंत्र निदेशक श्रीमती संगीता वैरियर
5स्वतंत्र निदेशक IS श्री विद्याधर वैशम्पायन 

*ऐसे मामले में जहां निदेशक (मानव संसाधन) ने अनुशासनात्मक प्राधिकारी के रूप में कार्य किया है, किसी अन्य पूर्णकालिक निदेशक का निर्णय अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक द्वारा मामले-दर-मामले के आधार पर किया जाएगा।

(xi) विद्युत संपत्तियों के अधिग्रहण के मार्गदर्शन के लिए समिति

इस समिति का गठन विद्युत संपत्तियों के अधिग्रहण की प्रक्रिया का मार्गदर्शन करने और बोर्ड को सिफारिशें करने के लिए किया गया है।

संरचना:
पदनाम    निदेशक का नाम
1स्वतंत्र निदेशक, अध्यक्षश्री जितेंद्र तन्ना
2सरकारह नामिति निदेशक और एफए, विद्युत मंत्रालय-
3निदेशक (वित्त)श्री जयकुमार श्रीनिवासन
4निदेशक (ईंधन)श्री शिवम श्रीवास्तव
5निदेशक (परियोजनाएं)  श्री के.एस. सुंदरम
6स्वतंत्र निदेशकश्रीमती संगीता वैरियर
7स्वतंत्र निदेशकश्री विवेक गुप्ता

(xii) विनिमय जोखिम प्रबंधन समिति

इस समिति का गठन विदेशी मुद्रा ऋण पोर्टफोलियो, हेज्ड और अन-हेज्ड एक्सपोजर और हेजिंग रणनीति की प्रभावशीलता की समीक्षा करने, विनिमय जोखिम प्रबंधन नीति, नए उपकरणों आदि में संशोधन को मंजूरी देने के लिए किया गया है।

संरचना:
पदनाम    निदेशक का नाम
1निदेशक (वित्त), अध्यक्ष    श्री जयकुमार श्रीनिवासन
2निदेशक (ईंधन)    श्री शिवम श्रीवास्तव
3सरकारी नामिति निदेशक और एफए, विद्युत मंत्रालय-
4स्वतंत्र निदेशक    श्री विवेक गुप्ता

निदेशक (ईंधन) की अनुपस्थिति में, निदेशक (प्रचालन) बैठक के सदस्य होंगे।

(xiii) प्रबंधन नियंत्रण समिति

भारत सरकार द्वारा 'नवरत्न / महारत्न दिशानिर्देश' के अंतर्गत बढ़ी हुई स्वायत्तता प्रदान किये जाने पर आंतरिक निगरानी की पारदर्शी एवं प्रभावी व्यवस्था स्थापित करने हेतु इस समिति का गठन किया गया। यह समिति, अन्य बातों के अलावा, प्रबंधन नियंत्रण प्रणालियों, परियोजना कार्यान्वयन और निर्माण, संचालन और रखरखाव बजट आदि में महत्वपूर्ण विचलन की समीक्षा करती है। यह समय-समय पर संगठन की विभिन्न प्रणालियों के लिए मैनुअल/मानदंडों की समीक्षा और अनुमोदन भी करती है।

संरचना:
पदनाम निदेशक का नाम
1निदेशक (वित्त), अध्यक्षश्री जयकुमार श्रीनिवासन
2सरकारी नामिति निदेशक और एफए, विद्युत मंत्रालय-
3स्वतंत्र निदेशकश्री विवेक गुप्ता
4स्वतंत्र निदेशकश्रीमती संगीता वैरियर
5निदेशक (प्रचालन)श्री रवीन्द्र कुमार

(xiv) अनुबंध के प्रावधानों से परे वित्तीय निहितार्थ वाले प्रस्तावों पर विचार करने के लिए बोर्ड की समिति

समिति का गठन अनुबंधों के प्रावधानों से परे वित्तीय निहितार्थ वाले प्रस्तावों पर विचार करने और निदेशक मंडल को अपनी सिफारिशें करने के लिए किया गया है।

संरचना:
पदनाम    निदेशक का नाम
1स्वतंत्र निदेशक, अध्यक्षश्री जितेन्द्र तन्ना
2निदेशक (परियोजनाएं)श्री के.एस. सुंदरम
3निदेशक (वित्त)श्री जयकुमार श्रीनिवासन
4स्वतंत्र निदेशकश्री विद्याधर वैशम्पायन
5स्वतंत्र निदेशक    श्रीमती संगीता वैरियर

(xv) विधिक मामलों की देखरेख के लिए समिति

विधिक मामलों की निगरानी और विधिक मामलों की हैण्डलिंग के संबंध में मार्गदर्शन देने के लिए समिति का गठन किया गया है।

संरचना:
पदनाम    निदेशक का नाम
1सरकारी नामिति निदेशक और एएस/जेएस (थर्मल)श्री पीयूष सिंह
2निदेशक (विधि विभाग के प्रभारी)    श्री जयकुमार श्रीनिवासन (निदेशक (मानव संसाधन) का अतिरिक्त प्रभार)
3निदेशक (ईंधन)    श्री शिवम श्रीवास्तव

(xvi) ईंधन प्रबंधन और कोयला ब्लॉकों के विकास और संचालन संबंधी निदेशकों की समिति

समिति का गठन कोयला ब्लॉकों के विकास और संचालन के लिए निविदा समिति के प्रस्ताव की जांच के लिए किया गया है।

संरचना:
पदनाम निदेशक का नाम
क.स्वतंत्र निदेशक, अध्यक्ष    श्री विद्याधर वैशम्पायन
ख.स्वतंत्र निदेशकश्री विवेक गुप्ता
ग.स्वतंत्र निदेशक श्री जितेंद्र तन्ना
घ.स्वतंत्र निदेशक    श्रीमती संगीता वैरियर
ङ.सरकारी नामिति निदेशक और एएस/जेएस (थर्मल)श्री पीयूष सिंह
च.निदेशक (प्रचालन)श्री रवीन्द्र कुमार
छ.निदेशक (वित्त)श्री जयकुमार श्रीनिवासन
ज.निदेशक (ईंधन)    श्री शिवम श्रीवास्तव

(xvii) भारत सरकार के नियमों और विनियमों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने के संबंध में बोर्ड की स्थायी समिति की उप-समिति

समिति का गठन भारत सरकार के नियमों और विनियमों के साथ-साथ सरकार की प्राथमिकताओं को व्यक्त करते हुए जारी दिशा-निर्देशों और दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए किया गया है।

संरचना:
पदनामनिदेशक का नाम
क.निदेशक (मानव संसाधन)श्री जयकुमार श्रीनिवासन (निदेशक (मानव संसाधन) का अतिरिक्त प्रभार)
ख.निदेशक (ईंधन)    श्री शिवम श्रीवास्तव
ग.सरकारी नामिति निदेशक और अपर सचिव/ संयुक्त सचिव (थर्मल)श्री पीयूष सिंह
Back to Top