प्रस्तावना:
विलवणीकरण में, चार प्रकार की प्रक्रियाएँ होती हैं जो व्यावसायिक रूप से उपलब्ध हैं अर्थात् मल्टी-स्टेज फ्लैश (एमएसएफ) विलवणीकरण, मल्टीपल इफेक्ट डिस्टीलेशन (एमईडी), वाष्प संपीड़न (वीसी) के साथ एमईडी और रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) या मेम्ब्रेन आधारित विलवणीकरण। इन प्रक्रियाओं के बीच मुख्य अंतर, उनकी विभिन्न इनपुट ऊर्जा आवश्यकताओं में निहित है। एमएसएफ, एमईडी और एमईडी-वीसी के लिए इनपुट 'ताप ऊर्जा' है जो वाष्प या गर्म पानी के रूप में हो सकती है। आरओ या मेम्ब्रेन आधारित विलवणीकरण के लिए इनपुट ऊर्जा 'विद्युत ऊर्जा' है।
प्रदर्शन संयंत्र:
सिम्हाद्री में 1,20,000 एलपीडी 'फ्ल्यू गैस आधारित समुद्री जल विलवणीकरण (एफजीएसडब्ल्यूडीईएसएएल) संयंत्र का विकास, डिजाइन और स्थापना की गई है। यह संयंत्र भारत में अपनी तरह का पहला संयंत्र है और फरवरी 2017 से सफलतापूर्वक क्रियाशीलहै। एफजीएसडब्ल्यूडीईएसएएल का मुख्य विवरण इस प्रकार है:
- संयंत्र की क्षमता: 1,20,000 एलपीडी
- संयंत्र की थर्मल रेटिंग: 500 किलोवाट - थ (लगभग)
- प्रौद्योगिकी: (i) विलवणीकरण: मल्टी इफेक्ट डिस्टीलेशन; (ii) एलपी स्टीम: फ्ल्यू गैस हीट एक्सचेंजर के संयोजन में फ्लैश स्टीम जेनरेटर
- संयंत्र इनपुट: (i) आईडी फैन आउटलेट से अपशिष्ट फ्ल्यू गैस; (ii) कंडेनसर आउटलेट से हॉट सीडब्ल्यू; (iii) कंडेनसर इनलेट से कोल्ड सीडब्ल्यू
- लाभ आउटपुट अनुपात (जीओआर): ≥ 6
- आउटपुट गुणवत्ता: टीडीएस> 5 पीपीएम
- फुट प्रिंट: 250 वर्ग मीटर (लगभग)